मेरी नई राह
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मिल ही नही पाई तुमसे
बेवफा ना समझना ………………………..
मजबूरियां है कुछ मेरी
जिन को तुम भी अपना समझना ……………
आंसू बहते है जो मेरे
इनको सिर्फ अपने लिए ही समझना ……………
सुनो कभी कोई जोर की आवाज़
उसे मेरे दिल के तदपने की आवाज़ समझना …
सुबह जो सूरज निकले
उसे मेरी आँखों का खुलना समझना …………
रात को जो चाँद निकले
उसकी चांदनी को मेरा साया समझना ………….
जो हवा कभी गुज़रे तुम्हे छूकर
उसे अपने हाथ में मेरा हाथ समझना ………….
मुझे खुद से कभी अलग मत समझना
बस मजबूरियां है कुछ मेरी
जिनको तुम भी अपना समझना …………………………
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