Menu
blogid : 4488 postid : 63

आ जाओ ना कान्हा

मेरी नई राह
मेरी नई राह
  • 21 Posts
  • 75 Comments

मेरे कान्हा आ जाओ ना

तेरी  राधा आज  अकेली  है  कान्हा

ये  दुनिया  मुझ  पर  हसती है  ,
ये  अम्बर  मुझ  पर  गिरता  है ,
ये  फूल  भी  मुझको  चुभते  है ,
तेरे  बिन  ये  नयना  हर  पल   बरसते  है ,
तुम  कब  आओगे  कान्हा
आ  जाओ  ना  कान्हा
…………………..

ये  सखिया  रास   नही  आती ,
ये  यमुना  गीत  नही  गाती ,
ये  हवा  गर्म  सी  लगती  है ,
ये  बारिश  मुझको  डसती है ,
विरहा का  सागर अब थमता  नही  मुझसे ,
तुम  कब  आओगे  कान्हा
आ  जाओ  ना  कान्हा .
………………

ये  कोयल  कौवा  लगती  है ,
ये  मिश्री  कडवी  लगती   है ,
ये  रात  मुझे  अब  दिनों  जैसी ,
ये  दिन  मेरे  है  अधियारें  अब ,
तेरी बशुरी की धुन तरसा रही है मुझको ,
तुम  कब  आओगे  कान्हा
आ  जाओ  ना   कान्हा .

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh